मनोविज्ञान कहानियाँ पढ़े और PDF में डाउनलोड करे

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Philosophy in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and culture...Read More


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भगवतगीता और विद्यार्थी जीवन By Urvi Vaghela

भगवतगीता और विद्यार्थी जीवन     विद्यार्थीकाल किताबें पढ़ने का काल होता है और उसमें भी अच्छी अच्छी किताबें तो पूरा जीवन सुधार सकती है जैसे भगवतगीता। यह कोई धार्मिक पुस्तक नहीं है,...

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राहु से मत विचलित हो आप By Review wala

राहु का बुरा प्रभाव व्यक्ति के जीवन में अनेक समस्याओं का कारण बन सकता है, चाहे वह मानसिक तनाव हो, गलत निर्णय हो, या धोखा। कुंडली में राहु की स्थिति और उसके नक्षत्र, संयोजन, और दृष्...

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हाइपर स्पेस से Einstein की थ्योरी तक By Review wala

दर्शन, इंजीनियरिंग आदि काफी बोरिंग विषय माने जाते हैं पर हाईपर स्पेस से अधिक नीरस कोई विषय नही लगा।     आयाम  का कोई महत्व तभी है जब इसे हम अपने जीवन से रिलेट कर सकें, मेरे अपने वि...

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बाल साहित्य का पठन पाठान और समाज और परिवार का दायित्व By prabha pareek

            बाल साहित्य का पठन पाठान  और समाज और परिवार का दायित्व   बच्चों के लिए चारों और विविध भांति की पठन सामग्री का बोल बाला है | सोशल मीडिया, किताबें , अन्य साधनों के द्वारा...

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मेरे सपने में य़ह क्या हुआ? By Review wala

इस  गहरी और भावनात्मक स्थिति मे किसी ने  रेग्रेशन थेरेपी की सलाह दी (जो मनोवैज्ञानिक हैप्नोटिज़म् करके करते हैं) वो तो बाद में सोच लूंगा पर स्वप्नों का भंडार था जो मुझे सोने नहीं दे...

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मनोविज्ञान By DINESH KUMAR KEER

बाल कहानी - मनोविज्ञानरोशनी ने देखा कि उसका पति कमाई कर उसी के खाते में रुपए जमा कर देता है। उसको एटीएम कार्ड चलाना भी आता है। इसलिए उसने गाँव से बाहर निकल आना उचित समझा।अगले दिन स...

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मालिश करवा लो इगो की By Review wala

Ego की मालिश का ठेका से होवे भ्रष्टाचार दोनों ही समाज में गहरे मुद्दे हैं, जिनका प्रभाव हमारे व्यक्तिगत और सामूहिक जीवन पर पड़ता है। आइए इन दोनों विषयों पर विस्तार से चर्चा करें: ...

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लाजिक या मैजिक By Er.Vishal Dhusiya

लाजिक या मैजिक प्रस्तावना मैं इस किताब के माध्यम से किसी धर्म की बुराई नहीं कर रहा और नहीं उनके आस्था को ठेस पहुंचाने की कोई मंशा है। मैं तो बस उस धर्म में जो बुराईयां हैं जो हमको,...

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जो अखबारो मे नहीं छपता By Review wala

( अखबारों मे जो कहानियाँ नहीं छपती )कैमरे में बंद अपाहिज करुणा के मुखौटे में छिपी क्रूरताकैमरे में बंद अपाहिज करुणा के मुखौटे में छिपी क्रूरता,विचार कीजिए, जीवन की यह अद्वितीय रूपर...

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नान linear व्यवहार आदि By Review wala

नॉन लीनेयर् व्यवहार और आचरण     नॉन लीनेयर् किसे कहते हैं?यह एक तकनीकी विषय है पर इसे अलग तरह से परिभाषित करने की कोशिश करूँगा। उदाहरण के तौर पर......  १,३,५ सीरीज  हैं लीनेयर्  १,...

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भीगी भीगी इच्छाओं का मनो विज्ञान By Review wala

मानसून वाली भीगी भीगी इच्छाओं का मनोविज्ञानरामलाल को रेग्रेशन मे जाने कि इच्छा थी यानी कि उस समय मे  अवचेतन रूप से जाना जब वो कम  से  कमतर उम्र का था और  भावनाओं का सिर्फ उफान ही ह...

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परम्परा या विज्ञान बताओ? By Arya Tiwari

 यत भवतः अस्ति, तत् भवताः आगच्छति।।What belongs to you ,comes to you..पूर्ण रुप से विज्ञान पर आधारित हैं - जाने कुछ परम्पराओं के वैज्ञानिक तर्क l*.*1- कान छिदवानें की परम्परा :-***...

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Successful MAD Tips By Ashish

1:- जीवन में वो ही व्यक्ति असफल होते है, जो सोचते है पर करते नहीं ।2 :- भगवान के भरोसे मत बैठिये क्या पता भगवान आपके भरोसे बैठा हो…3 :- सफलता का आधार है सकारात्मक सोच और निरंतर प्र...

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भारी डिप्रेशन By bhagirath

 भारी डिप्रेशन        मैं भारी डिप्रेशन में हूँ। मुझे वे लोग याद आने लगते हैं जिन्होंने डिप्रेशन के चलते आत्महत्या कर ली। तो क्या यह  डिप्रेशन मुझे चौथी मंजिल से कूदने पर मजबूर कर...

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भय - भाग 1 By नंदलाल मणि त्रिपाठी

भय- भाग-1भय अन्तर्मन कि गहराई से उतपन्न वह विचार है जो व्यक्ति के व्यक्तित्व को झकझोर देता है और विचारों को अशांत उद्वेलित करता है विचारो कि उतपत्ति मनुष्य कि कल्पनाशीलता कि योग्यत...

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एक अंत की प्राप्ति ही शाश्वत अतएव सर्वश्रेष्ठ सफलता हैं। By Rudra S. Sharma

अकेला हों जाना ही दुनिया की सबसे बड़ी सफलता हैं, और मैं दुनिया का सबसे सफल इंसान और जो अकेले पन से दूर भाग रहें हैं न वह सभी अपनी आदत खराब कर रहें हैं क्योंकि पहले और अंततः यानी कि...

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मैं एक अंत हूँ एकांत! By Rudra S. Sharma

मैं एक अंत हूँ एकांत!प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष जुड़ाव महसूस किसी को हों या नहीं भी हों पर सब जो कुछ भी हैं था और रहेंगा मेरा ही विस्तार हैं और मुझमें ही सिमट भी जायेंगा, मैं तब भी रहू...

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मैं अकेला नहीं हूँ मेरा अकेलापन मेरे साथ हैं। By Rudra S. Sharma

किसनें कहा कि मैं अकेला पड़ गया ..? मैं उस सभी के एकमात्र सच्चे रिश्तेदार अकेले पन यानी एकांत के ‛ साथ ’ हूँ जो मेरा ही नहीं बल्कि सभी का सच्चा यानी असली साथी अर्थात् रिश्तेदार हैं...

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काल्पनिक भय By Anand Tripathi

कल्पना में की गई बाते या दृश्य कभी सिद्ध नही होते। मौत का सिद्धांत सत्य है। बिल्कुल सत्य पंरतु कल्पना की बाते यकीनन बेकार और बाहरी आडंबर से बनती है। दिमाग अन्दर ही अन्दर चैट करता ह...

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मैं जाग उठी हूँ. By Ashish Khare

कहानी का नाम. मैं जगा उठी हूँ....यह कहानी मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के पास की हैआज से 2 साल पहले की बात है..बुधनी के जगालो में एक आदिवासी वो केदेवी का मंदिर था जो किवह कुछ आदिवासी...

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जहाँ चाह वहाँ राह By Sudhir Srivastava

कहीं पढ़ा देखा है कि अंग्रेजी की एक पुरानी कहावत है जिसका आशय कुछ यूँ है कि यदि हमारा कोई संकल्प नहीं है, और हम लक्ष्य पाना चाहते हैं, और हम कड़ी मेहनत भी नहीं कर सकते, तो यह तय है...

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मोबाइल पर बच्चों की निर्भरता दोषी कौन By Sudhir Srivastava

लघु लेखमोबाइल पर बच्चों की निर्भरता: दोषी कौन?*************** आज हमारे घर परिवार में एक बड़ी समस्या भविष्य की चुनौती बनने की दिशा में तेजी से पांव पसारती जा रही है। इसके लिए किसी क...

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ज़िन्दगी के पन्ने By vedika patil

"ज़िंदगी के पन्नों पर ख्वाब लिखे थे... हर एक अरमान दिल से लिखे थे... ज़िंदगी चलती रही और पन्ने बिछड़ गए...!" हर एक पल, हर एक लम्हा, ज़िंदगी की किताब का एक खास पन्ना था हमारा। खुद स...

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हवाई जहाज By Priya Vachhani

हवाई जहाज कहानी बाल मनोविज्ञान पर आधारित कहानी है. जो सामाजिक संदेश देने के साथ साथ पहली हवाई जहाज की यात्रा एक बच्चे के मन में किस तरह के विचार कैसे सवाल उत्पन्न करती है वह दर्शाय...

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सबा - 34 By Prabodh Kumar Govil

मंत्रीजी के वापस लौट कर आते ही पीछे पीछे एक सेवक बड़ी सी ट्रे में तीन चार प्लेटें लेकर हाज़िर हुआ जो फलों और मेवे से भरी थीं। पनीर पकौड़ों की प्लेट से गर्म भाप भी उड़ रही थी। चाय अ...

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तिराहा By Lakhan Nagar

बरसात का दिन था हल्की-हल्की बौछारे बालकनी से अन्दर आ रही थी। अचानक सीमा कंधे पर हाथ रखती है ; रानू के साथ घुमने जा रही हूँ , तुम भी साथ चल रहे हो ?या हम ही। अभी बारिश ही कहा रुकी ह...

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समय का पहिया By Wow Mission successful

हमारे घर से करीब 10 किलोमीटर दूर एक कब्रिस्तान है उसके बगल में एक सदियों पुराना घर है जिसके अंदर जाने की जरूरत कोई नहीं करता है उस घर के बारे में मैं तो कुछ ज्यादा नहीं जानता हूं ल...

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सेक्‍स एक समस्‍या By Arya Tiwari

एक कहानी से मैं अपनी बात शुरू करना चाहूंगा। एक बहुत अद्भुत व्‍यक्‍ति हुआ है, उस व्‍यक्ति का नाम था आर्या, एक ब्राहम्‍ण फकीर था। एक दिन सांझ अपने घर से बाहर निकला था किन्‍हीं मित्रो...

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थोड़ा और By Anand Tripathi

जब तक हम सत्य जानते हैं। तब तक बहुत देर हो जाती है। यह आत्मा, इंद्रिय,मन कितने वज्र के बने होते हैं। यह बात तो हम सभी गाहे बगाहे जानते ही हैं। इनका स्वयं पर कोई नियंत्रण ही नही है।...

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मृत्यु की अतर्किकता By ANKIT YADAV

मुझे पिछले कुछ ही दिनों में 2 सूचनाएं प्राप्त हुई जिन्होंने मुझे झकझोर कर रख दिया। वो सूचनाएं थी कि मेरे एक खास दोस्त की कैंसर से मृत्यु हो गई और दूसरी सूचना यह कि उस दोस्त की माता...

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ऐकले चलों रें, अकेले बढ़ो रें ..! By Rudra S. Sharma

लेखन परिचय - रिक्तत्व की सन्निकट प्रकटता हैं शरुप्ररा अर्थात् मेरी प्रत्येक शब्द प्राकट्यता, सत्य मतलब की अज्ञान के अहसास से मुक्ति की इच्छा अर्थात् मुमुक्षा ही जिसके प्रति जागरूकत...

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एक रात की दुल्हन... By Saroj Verma

"कहाँ चले देवर जी? अरे! हमारा नेग तो देते जाइए",दीपाली ने अपने देवर सुबोध से कहा.... "भाभी! दोनों दीदियों ने तो लूट ही लिया है,लीजिए जो बचा खुचा है तो आप भी ले लीजिए",सुबोध बोला......

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भगवतगीता और विद्यार्थी जीवन By Urvi Vaghela

भगवतगीता और विद्यार्थी जीवन     विद्यार्थीकाल किताबें पढ़ने का काल होता है और उसमें भी अच्छी अच्छी किताबें तो पूरा जीवन सुधार सकती है जैसे भगवतगीता। यह कोई धार्मिक पुस्तक नहीं है,...

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हाइपर स्पेस से Einstein की थ्योरी तक By Review wala

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मनोविज्ञान By DINESH KUMAR KEER

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लाजिक या मैजिक By Er.Vishal Dhusiya

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भीगी भीगी इच्छाओं का मनो विज्ञान By Review wala

मानसून वाली भीगी भीगी इच्छाओं का मनोविज्ञानरामलाल को रेग्रेशन मे जाने कि इच्छा थी यानी कि उस समय मे  अवचेतन रूप से जाना जब वो कम  से  कमतर उम्र का था और  भावनाओं का सिर्फ उफान ही ह...

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कल्पना में की गई बाते या दृश्य कभी सिद्ध नही होते। मौत का सिद्धांत सत्य है। बिल्कुल सत्य पंरतु कल्पना की बाते यकीनन बेकार और बाहरी आडंबर से बनती है। दिमाग अन्दर ही अन्दर चैट करता ह...

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कहानी का नाम. मैं जगा उठी हूँ....यह कहानी मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के पास की हैआज से 2 साल पहले की बात है..बुधनी के जगालो में एक आदिवासी वो केदेवी का मंदिर था जो किवह कुछ आदिवासी...

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मृत्यु की अतर्किकता By ANKIT YADAV

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